तीर्थंकर महावीर स्वामी जी

तीर्थंकर महावीर स्वामी जी
जब भी किसी से मिलो, तब प्यार से बोलो-जय जिनेन्द्र !

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12 अगस्त 2011

कैसा हो रक्षा बंधन ?

आज प्रकाशित सामग्री श्री संजय कुमार जैन जी द्वारा भेजी गई है. उन्होंने यह सामग्री उपरोक्त ब्लॉग के फेसबुक https://www.facebook.com/groups/mahavirswamiji/ पर बने ग्रुप mahavirswamiji@groups.facebook.com पर भेजी थीं. जिससे यहाँ पर प्रकाशित किया जा रहा है. श्री संजय जैन जी ने दिल्ली विश्वविधालय से शिक्षा प्राप्त की हुई है. इनका विवाह श्रीमती रजनी जैन से हो रखा है. इनका जन्म 6 सितम्बर 1968 को हुआ था. फ़िलहाल भारतीय जीवन बीमा निगम और नेशनल इन्शोरेश कम्पनी लि. में सन 2002 से कार्यरत है. इनके पास जो भी जानकारी होती हैं, उसको दूसरों में बांटने में बहुत रूचि हैं.  इसी कारण से फेसबुक आदि पर अनेक संस्थाओं से जुडे है और जानकारी को साझा करते रहते हैं.
 जय जिनेन्द्र!!! अगर आप "तीर्थंकर महावीर स्वामी जी" ब्लॉग पर "योगदानकर्त्ता" के रूप में जुड़ना चाहते हैं. तब आप हमें उपरोक्त ईमेल rksirfiraa@gmail.com पर लिखकर भेजें. सभी जैन बंधुओं! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. पत्रकार रमेश कुमार जैन:-09910350461 अपने विचार और बहुमूल्य सुझाव भेजें. सभी जैन मित्र अपने अन्य मित्रों के पास संदेश भेजें.
      तीर्थंकर महावीर स्वामी जी ब्लॉग पर लेख और अन्य सामग्री भेजे:-प्रकाशन कार्यालय:-A-34-A,शीश राम पार्क, सामने-शिव मंदिर, उत्तम नगर, नई दिल्ली-59 या फिर सीधे rksirfiraa@gmail.com पर हमें लिख भेजें। पाठकों से निवेदन:-सुधी लेखकों से निवदेन है अपनी रचनाएं यूनिकोड (मंगल) फोंट में भेजें और साथ ही संबंधित तस्‍वीर भी हमें भेजेंगे तो उसे प्रकाशित करने में सुविधा होगी। लेखों के त्‍वरित प्रकाशन के लिए हमें आप SMS के जरिए तत्‍काल सूचना दे सकते हैं : 09868566374 या ईमेल करें (sirfiraa@gmail.com) 
           जय जिनेन्द्र!! दोस्तों, तुम्हारी फेसबुक और ऑरकुट की प्रोफाइल में अनेकों जैन दोस्त होंगे उनको भी इस ग्रुप में शामिल करों. पहले प्रोफाइल देखकर अपने सभी जैन मित्रों के नाम एक कागज पर नोट कर लो.अगर याद हो फिर तो बहुत ही अच्छा है. मान लो आपके जैन मित्र J, k, L, M, R, S, U, V से है. अब होम पेज पर जाओ.लेफ्ट पर देखो.वहाँ पर ग्रुप का नाम होगा. उसे ओके करो. अब राईट पर देखो. वहाँ पर ग्रुप आया होगा. उसके नीचे add friends to group लिखा होगा. उसे ओके करों. अब जैसे आपके एक दोस्त का नाम J से आता है. "जे" को दबाओ. 'जे' डालते ही उसका नाम दिखाई देगा. उसे ओके कर दो. अब अगर J से कई दोस्त है तो दुबारा 'जे' को दबाओ और ओके करते रहो. जब आपके सारे दोस्तों का नाम इसमें शामिल हो जाए तब add को ओके कर दो. इसी तरह से अपने और दोस्तों को भी समझाओ. इस ग्रुप में दोस्तों को शामिल करते जाओ. यह ग्रुप ऑरकुट पर भी है. इस ग्रुप का ब्लॉग भी बना हुआ है. समय मिले तो उसको भी जरुर देखो.

6 टिप्‍पणियां:

  1. बढ़िया प्रस्तुति... रक्षाबंधन के पुनीत पर्व पर बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं...

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  2. एक सुरक्षित समाज का निर्माण ही हम सब भाईयों की ज़िम्मेदारी है
    सबसे पहले तो आपको मुबारकबाद
    इसके बाद
    हम यह कहना चाहेंगे कि भारत त्यौहारों का देश है और हरेक त्यौहार की बुनियाद में आपसी प्यार, सद्भावना और सामाजिक सहयोग की भावना ज़रूर मिलेगी। बाद में लोग अपने पैसे का प्रदर्शन शुरू कर देते हैं तो त्यौहार की असल तालीम और उसका असल जज़्बा दब जाता है और आडंबर प्रधान हो जाता है। इसके बावजूद भी ज्ञानियों की नज़र से हक़ीक़त कभी पोशीदा नहीं हो सकती।
    ब्लॉगिंग के माध्यम से हमारी कोशिश यही होनी चाहिए कि मनोरंजन के साथ साथ हक़ीक़त आम लोगों के सामने भी आती रहे ताकि हरेक समुदाय के अच्छे लोग एक साथ और एक राय हो जाएं उन बातों पर जो सभी के दरम्यान साझा हैं।
    इसी के बल पर हम एक बेहतर समाज बना सकते हैं और इसके लिए हमें किसी से कोई भी युद्ध नहीं करना है। आज भारत हो या विश्व, उसकी बेहतरी किसी युद्ध में नहीं है बल्कि बौद्धिक रूप से जागरूक होने में है।
    हमारी शांति, हमारा विकास और हमारी सुरक्षा आपस में एक दूसरे पर शक करने में नहीं है बल्कि एक दूसरे पर विश्वास करने में है।
    राखी का त्यौहार भाई के प्रति बहन के इसी विश्वास को दर्शाता है।
    भाई को भी अपनी बहन पर विश्वास होता है कि वह भी अपने भाई के विश्वास को भंग करने वाला कोई काम नहीं करेगी।
    यह विश्वास ही हमारी पूंजी है।
    यही विश्वास इंसान को इंसान से और इंसान को ख़ुदा से, ईश्वर से जोड़ता है।
    जो तोड़ता है वह शैतान है। यही उसकी पहचान है। त्यौहारों के रूप को विकृत करना भी इसी का काम है। शैतान दिमाग़ लोग त्यौहारों को आडंबर में इसीलिए बदल देते हैं ताकि सभी लोग आपस में ढंग से जुड़ न पाएं क्योंकि जिस दिन ऐसा हो जाएगा, उसी दिन ज़मीन से शैतानियत का राज ख़त्म हो जाएगा।
    इसी शैतान से बहनों को ख़तरा होता है और ये राक्षस और शैतान अपने विचार और कर्म से होते हैं लेकिन शक्ल-सूरत से इंसान ही होते हैं।
    राखी का त्यौहार हमें याद दिलाता है कि हमारे दरम्यान ऐसे शैतान भी मौजूद हैं जिनसे हमारी बहनों की मर्यादा को ख़तरा है।
    बहनों के लिए एक सुरक्षित समाज का निर्माण ही हम सब भाईयों की असल ज़िम्मेदारी है, हम सभी भाईयों की, हम चाहे किसी भी वर्ग से क्यों न हों ?
    हुमायूं और रानी कर्मावती का क़िस्सा हमें यही याद दिलाता है।

    रक्षाबंधन के पर्व पर बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं...

    देखिये
    हुमायूं और रानी कर्मावती का क़िस्सा और राखी का मर्म

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  3. GOOD BLOG BUT RED BACKGROUND IS NOT GOOD FOR EYES PLEASE CHANGE BACKGROUNF COLOR

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जय जिनेन्द्र जी, आपके सुझाव पर जरुर अमल होगा. आप साथ में किसी रंग का सुझाव भी दें. आप उनतीस दिसम्बर के बाद बदला हुआ रंग देखेंगे.

      हटाएं
  4. GOOD BLOG BUT CHANGE BACKGROUND COLOR IT IS NOT GOOD FOR EYES PLS CHANGE IT

    जवाब देंहटाएं

जय जिनेन्द्र!!! अगर आप तीर्थंकर महावीर स्वामी जी ब्लॉग पर आपका स्वागत है. सभी जैन बंधुओं! यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. मेरा प्रसास अच्छा है या बुरा. अपने विचार व्यक्त करके मेरा मार्गदर्शन करें.

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